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What is Computer in Hindi Pdf

What is computer in Hindi

कम्प्यूटर का परिचय :-

कम्प्यूटर एक Electronic Machine है, जो हमारे दिए गये निर्देशों पर कार्य करती है। कम्प्यूटर हार्डवियर और साफ्टवियर से मिलकर बना है। यह एक सर्वभौमिक मशीन है।
कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति कम्प्यूट (Computer) शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना, कम्प्यूटर को हिन्दी में संगणक कहते हैं।
जब हम कम्प्यूटर को Input Device के माध्यम से Instruction देते हैं तब वह हमारे दिये गये Instruction को Process करता है, तथा Output Device के माध्यम से हमें Information देता है।

कम्प्यूटर की विशेषताएँ :-

1. Speed(गति):- कम्प्यूटर बहुत तीव्र गति से कार्य करता है। इसकी गति को हर्ट्स में नापा जाता है।

2. Accuracy (शुद्धता):- कम्प्यूटर अपने कार्य को बहुत शुद्धता के साथ करता है। यदि वही कार्य मानव के द्वारा किया जाय तो उसमें error हो सकती है। लेकिन वही कार्य कम्प्यूटर के द्वारा किया जाय तो बहुत तीव्रगति से शुद्व केलकुलेशन कर देगा ।

3. Multitalented (सर्वभौमिकता) :- कम्प्यूटर एक Multifunctional Machine है। जिससे दुनिया के
किसी भी कार्य को कर सकते है। अर्थात् यह एक सर्वभौमिक मशीन है।

4. Memory :- कम्प्यूटर की याद रखने की क्षमता बहुत ज्यादा है। कम्प्यूटर की मेमोरी को आवश्यकता के अनुसार कम या ज्यादा कर सकते है। जबकि मानव की मेमोरी में यह विशेषता नहीं है। मानव केवल महत्वपूर्ण बातों को ही याद रखता है। अनावश्यक बातों को याद नही रखता है।

5. Diligence (परिश्रमशीलता) :- कम्प्यूटर बिना थके कई दिनों तक कार्य करने की क्षमता रखता है।
जोकि मानव के अंदर नही है। यह कभी थकता नही है। जबकि मानव कुछ समय कार्य करने के बाद
थक जाता है। और उसको आराम की जरूरत होती है।

6. Honest (ईमानदारी):- कम्प्यूटर अपने कार्य को ईमानदारी के साथ करता है। जबकि मानव अपने कार्य को ईमानदारी से नहीं करता है।

7. User Friendly :- कम्प्यूटर यूजरफ्रन्डली होता है। अर्थात् इसे चलाना सरल होता है।


1. NO IQ :- कम्प्यूटर के अन्दर सोचने समझने की क्षमता नही होती है। जोकि मानव के अन्दर होती है।

यही वजह है कि कम्प्यूटर मानव का गुलाम है।

2. No Feeling :- कम्प्यूटर के अन्दर फीलिंग नही होती है। जोकि मानव के अन्दर होती है।
Brief History of Development of Computer(कम्प्यूटर का संक्षिप्त विकास क्रम):- कम्प्यूटर का
विकास क्रम लगभग 3000 वर्ष पुराना है। सबसे पहले गणना यंत्र अबेकस (गिनतारा) का अविष्कार हुआ था। इसका प्रयोग अंकगणितीय परिचालनों की व्यवस्थित गणना के लिए किया गया था। जिसका उपयोग आज भी चीन जापान सहित अन्य देशों में किया जा रहा है। अबेकस तारों का एक फ्रेम होता है। इन तारों में प्लास्टिक या धातु के गोले पिरोये रहते है। इसके बाद अन्य मशीनें अंको की गणना के लिये विकसित की गई। 17वीं शताब्दी में जर्मन गणितज्ञ विल्हेम शीकार्ड ने प्रथम यांत्रिक Calculator सन् 1623 में विकसित किया, यह Calculator जोड़ने, घटाने, गुणा, व भाग में सक्षम था।
फ्रांश के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने एक यांत्रिक अंकीय गणना यंत्र सन् 1642 में विकसित किया । इस मशीन को एडिंग मशीन या पास्कलाइन कहते है। यह मशीन केवल जोड या घटा सकती थी।

जेकार्ड्स लूम (Jacquard Loom):-

सन् 1801 में फ्रांसीसी बुनकर जोसेफ जेकार्ड ने कपड़े बुनने के ऐसे लूम का आविष्कार किया जो कपड़ो मे स्वतः ही डिजाइन या पैटर्न देता था। इस लूम की विशेषता यह थी कि यह कपड़े के डिजाइन को कार्डबोर्ड के छिद्रयुक्त पंचकर्डो से नियन्यित्र करता था । पंचकार्ड पर छिद्रों की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति द्वारा धागों को निर्देशित किया जाता था । जेकार्ड के इस लूम ने दो विचारधारायें दी जो आगे कम्प्यूटर के विकास में उपयोगी सिद्ध हुई। पहली यह की सूचनाओं को पंचकार्ड पर कोडिड किया गया । दूसरी यह की पंचकार्ड पर संगृहीत सूचना निर्देषों का सूमह है। जिससे पंचकार्ड को जब भी काम में लिया जायेगा तो निर्देषोंका यह समूह एक पोग्राम के रूप में कार्य करेगा।

Charles Babbage's Difference Engine:-

कम्प्यूटर के इतिहास में उन्नीसवीं शाताब्दी का प्रारम्भिक समय स्वर्णिम युग माना जाता है। अंग्रेज गणितज्ञ
चार्ल्स बैबेज ने एक यांत्रिक गणना मशीन विकसित करने की आवश्यकता तब महसूस की जब गणना के लिए
बनी हुई सारणीयों में त्रुटि आती थी । चूंकि ये टेबिल हस्त निर्मित थीं। इसलिये इसमें त्रुटि आती थी। चार्ल्स
बैबेज ने सन् 1822 में एक मशीनका निर्माण किया जिसका व्यय ब्रिटिश सरकार ने वहन किया । उस मशीन
का नाम डिफरेन्स इंजिन रखा गया। इस मशीन में गियर और शाफ्ट लगे थे। और यह भाप से चलती थी ।
इसके बाद सन् 1833 में चार्ल्स बैबेज ने डिफरेंस इंजिन का विकसित रूप एक एनालिटिकल इंजिन तैयार किया
| यह मशीन कई प्रकार के गणना कार्य करने में सक्षम थी । इसमें निर्देशों को संग्रहित करने की क्षमता थी ।
और इसके द्वारा स्वचलित रूप में परिणाम भी छापे जा सकते थे।
बैबेज का कम्प्यूटर के क्षेत्र में बहुत योगदान रहा । बैबेज का ऐनालिटिकल इंजिन आधुनिक कम्प्यूटर का आधार
बना और यही करण रहा है कि चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर का पितामह कहा जाता है। बैबेज के ऐनालिटिलक
इंजिन को पहले बेकार समझा गया । लेकिन बाद में एडा ऑगस्टा ने ऐनालिटिकल इंजिन में में गणना के
निर्देशों को विकसित करने में मदद की । इसी करण एडा ऑगस्टा को पहले प्रोग्रामर का श्रेय जाता है। ऑगस्टा
को सम्मानित करने के लिये कम्प्यूटर की एक भाषा का नाम एडा (ADA) रखा गया।


होलेरिथ सेंसस टेबुलेटर (Hollerith Census Taulator)

सन् 1889 में कम्प्यूटर के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण घटना हुई , वह थी अमेरिका की जनगणना का कार्य
| सन् 1890 से पूर्व जनगणना का कार्य पारम्परिक तरीकों से किया जाता था। सन् 1880 में शुरू की गई
जनगणना में सात वर्ष का समय लगा। कम समय में जनगणना के कार्य को करने के लिये होलेरिथ ने एक
मशीन बनाई जिसमें पंचकार्ड को विद्यतु के द्वारा संचालित किया जाता था। उस मशीन की सहायता से जनगणना
करने में केवल तीन वर्ष का समय लगा। जो कि बहुत ही कम था। सन् 1886 में होलेरिथ ने पंचकार्ड यंत्र
बनाने टेबुलेटिंग मशीन कम्पनी बनाई । सन् 1911 में इस कम्पनी का नाम बदलकर कम्प्यूटर टेबुलेटिंग
रिकॉर्डीग कम्पनी हो गया। सन् 1924 में इस कम्पनी का नाम बदलकर आई बी एम हो गया । जिसका पूरा
नाम इंटरनेशलन बिजनेस मशीन हो गया। जो की आज विश्व की कम्प्यूटर निर्माण करने बाली सबसे बड़ी
कम्पनी हो गयी है।

1. Aiken and Mark-1 (आइकेन और मार्क 1):- सन् 1940 में Electromechanical Computing अपने शिखर पर पहुंच चुकी थी । आई बी एम के चार शीर्श इंजीनियरों व हॉवर्ड आईकेन ने सन् 1944 में एक मशीन को विकसित किया और इसका आधिकारिक नाम Automatic Sequence Controlled Calculator रखा। बाद में इस मशीन का नाम मार्क -1 रखा गया। यह विश्व का सबसे पहला Electromechanical Computer था। इसमें 500 मील लंबाई के तार व 30 लाख Electronic Connection थे यह मशीन 55 फीट लम्बी व 8 फीट ऊँची थी। यह 6 सेकण्ड में एक गुणा और 12 सेकण्ड में एक भाग की क्रिया कर सकता था।

Generations of Computer

Computer विकास के इतिहास की यह यात्रा (Vacuum tube) के साथ 1940 में शुरु हुई, और तब से चली आ रही है। वर्तमान में यह कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) का प्रयोग कर तरक्की कर रही है। ज्यादातर विकास के परिणामस्वरूप तेजी से छोटे,सस्ते और अधिक शक्तिशाली कुशल कम्प्यूटिंग उपकरणों का अविश्कार हो पाया है।

कम्प्यूटर को तकनीकी (Technology) के आधार पर पाँच पीढ़ीयों में बाँटा गया है।

  1. First Generation (1940-1956) Vacuum tube
  2. Second Generation (1956-1963) Transistor
  3. Third Generation (1964-1971) Integrated Circuit
  4. Fourth Generation (1971- Present) VLSI
  5. Fifth Generation (Present To Next) Artificial Intelligence

First Generation of Computer

कम्प्यूटर की प्रथम पीढ़ी की शुरुआत 1940 से मानी जाती है। इस जनरेशन में Vacuum Tube Technology का प्रयोग किया गया था।

  1. इस पीढी में निर्वात नलीयों (Vacuum Tube) Technology का प्रयोग किया जाता था।
  2. यह कम्प्यूटर उस समय के अनुसार बहुत अधिक गति से केलकुलेशन करते थे।
  3. यह साइज में बहुत बड़े होते थे, तथा विधुत का अधिक प्रयोग करते थे ।
  4. इनको चलाना व इनका रखखाव कठिन होता था।
  5. इसमें मषीन भाषा का प्रयोग किया गया था।
  6. इसमें मेमोरी के तौर पर चुम्बकीय टेप एवं पंचकार्ड का प्रयोग किया जाता था।
  7.  ENIAC और UNIVAC प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर हैं।

Second Generation of Computer

इस पीढ़ी में Transistor का प्रयोग किया गया था। जिसका विकास Willom Shockly ने 1947 में किया था।

  1. इस पीढ़ी के कम्प्यूटर के कार्य करने की क्षमता प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर से बहुत अधिक थी ।
  2. इनकी साइज छोटी हो गई थी क्योंकि इसमे Transistor Technology का प्रयोग किया गया था।
  3. इसमे असेम्बली एवं हाई लेबिल भाषा का प्रयोग किया गया था। (COBOL, FORTRAN)
  4. इसमें मेमोरी के तौर पर चुम्बकीय टेप का प्रयोग किया जाने लगा था।

Third Generation of Computer

कम्प्यूटर की तीसरी पीढ़ी की शुरूआत 1964 से मानी जाती है। इस जनरेशन में आई सी का प्रयोग किया जाने लगा था। IC का पूरा नाम Integrated Circuit है। IC का विकास 1958 में Jack Kilby ने किया था।

  1. इसमें IC Technology(SSI) का प्रयोग किया गया था। SSI का पूरा नाम Small Scale
  2. Integration है। इस चिप पर 10 से 20 तत्व स्थापित होते थे।
  3. इसमें हाई लेविल भाषा का प्रयोग प्रोग्रामिंग के लिये किया जाता था।
  4. इन्हें हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जा सकते थे।
  5. इसमें मेमोरी के तौर पर चुम्बकीय डिस्क का प्रयोग किया जाने लगा था।
  6. सबसे पहले ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग इसी पीढ़ी में हुआ,जो की एक CUIO/S था।

Fourth Generation of Computer

कम्प्यूटर की चौथी पीढ़ी की की शुरूआत माइक्रोप्रोसेसर से हुई, जो की सिलिकोन से बनी एक चिप होती है,जिस पर हजारों IC एक साथ लगी होती हैं। इस पीढ़ी में GUI O/S का प्रयोग किया गया।

  1. इसमें IC Technology(VLSI) का प्रयोग किया गया था। Very Large Scale Integration
  2. है। इस चिप पर 10000 से 20000 Elements स्थापित होते थे।
  3. इसमें हाई लेविल भाषा (C & C++) का प्रयोग प्रोग्रामिंग के लिये किया जाता था।
  4. इन्हें हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जा सकते थे।
  5. इसमें मेमोरी के तौर पर चुम्बकीय डिस्क का प्रयोग किया जाने लगा था।
  6. यह विधुत का बहुत कम प्रयोग करते है।

Fifth Generation of Computer

कम्प्यूटर की पांचवी पीढ़ी Artificial Intelligence के साथ विकसित हुई, AI का तात्पर्य यह है कि जो मानवीय गुणों को समझ सके। ये पीढ़ी अभी विकास की प्रक्रिया में है, इस पीढ़ी के कुछ गुण हम आजकल उपकरणों में काम लेते है जैसे-फिंगर प्रिंट, रोबोट, आवाज द्वारा इनपुट देना आदि।

कम्प्यूटर को दो तरीके से Classified किया गया है।

1. कार्य करने के आधार पर। (On the basis of work).
2. आकार के आधार पर। (On the basis of Size).

Type of Computer Basis on Work: - कार्य करने के आधार पर, कम्प्यूटर तीन प्रकार के होते है।

  1.  Analog Computer
  2. Digital Computer
  3. Hybrid Computer
1. Analog Computer :- एनालॉग कम्प्यूटर वे कम्प्यूटर होते है । जो भौतिक मात्राओं को नापने का
कार्य करते है। जैसे ताप , दाब, लंबाई, चौड़ाई आदि माप कर उनके परिणाम अंको में व्यक्त करते है।
यह कम्प्यूटर दो परिमापों के बीच तुलना भी कर सकते है। एनालॉग कम्प्यूटर का प्रयोग विज्ञान एवं
Engineering के क्षेत्र में किया जाता है। ये कम्प्यूटर एनालॉग सिगनल पर काम करते है।

2. Digital Computer :- यह कम्प्यूटर Calculations and Logical Operations करते है।
डिजिटल कम्प्यूटर डाटा एवं प्रोग्राम को 0,1 में परिर्वतित करके उनको elelctronic रूप में लेता है।
यह कम्प्यूटर डिजिटल सिगनल पर काम करते हैं, अधिकाशंतः कम्प्यूटर डिजिटल कम्प्यूटर ही होते है।

3. Hybrid Computer :- वे कम्प्यूटर जो एनालॉग एवं डिजिटल कम्प्यूटर दोनां का कार्य करते है।
hybrid computer कहलाते है। उदाहरण Petrol Pump यह petrol आदि को नापता है और
उसके मूल्य की गणना भी करता है।

Type of Computer Base on Size :- आकार के आधार पर कम्प्यूटर निम्न प्रकार के होते है।

  1. Micro Computer
  2. Mini Computer
  3. Mainframe Computer
  4. Super Computer

1. Micro Computer 

यह कम्प्यूटर आकार में छोटे होते है। इन कम्प्यूटर में माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता था । इसलिए इन्हें माईक्रो कम्प्यूटर कहते है। यह वनज में हल्के एवं सस्ते कम्प्यूटर होते है। इन कम्प्यूटर का प्रयोग घरों एवं छोटे व्यवसायों में किया जा रहा है। इन कम्प्यूटरस को PC भी कहा जाता है।

PC को निम्न भागों में बाँटा गया है।
a. Desktop Computer
b. Laptop Computer
c. Palmtop Computer
d. Notebook Computer
e. Tablet Computer

Desktop Computer

Desktop Computer वे कम्प्यूटर होते है। जिनको टेबिल पर रखकर चलाया जाता है। यह साईज में थोड़े बड़े होते है। इसमें सीपीयू मॉनिटर कीबोर्ड माउस आदि होते है।

Laptop Computer

Laptop Computer वे होते है। जिनको गोदी में रखकर चलाया जाता है। यह साईज में बहुत छोटे होते है। यह Desktop Computer से मंहगे कम्प्यूटर होते है। इसमें सीपीयू ,कीवोर्ड , माउस एक साथ होते है। इनमें पावर के लिये बैटरी का प्रयोग होता है।

Palmtop Computer

यह कम्प्यूटर Laptop Computer से छोटे होते है। जिनको हथेली में रखकर चलाया जाता है। इसमें सीपीयू ,कीवोर्ड माउस एक साथ होते है। इनमें पावर के लिये बैटरी का प्रयोग होता है। इनकी कार्य करने की क्षमता लेपटॉप से थोडी कम होती है।

Notebook Computer 

Notebook Computer Laptop Computer के समान ही होते है। जिनको गोदी में रखकर चलाया जाता है। इसमें सीपीयू ,कीवोर्ड , माउस एक साथ होते है। इनमें पावर के लिये बैटरी का प्रयोग होता है।

Tablet Computer 

यह कम्प्यूटर बहुत ही छोटे कम्प्यूटर होते है। यह मोबाईल से थोडे बडे होते है। यह टचस्कीन होते है।

2. Mini Computer

यह वो कम्प्यूटर जो कम्पनीयों एवं सरकारी ऑफिस में सर्वर कम्प्यूटर के कार्य के लिये प्रयोग किये जाते है। इनकी कार्य क्षमता Micro Computer से अधिक होती है। इस कम्प्यूटर पर एक साथ कई यूजर लॉगइन कर कसते है। इनकी मेमोरी क्षमता बहुत अधिक होती है। इनका हार्डवेयर समान्य कम्प्यूटर से बड़ा होता है। यह कम्प्यूटर घरों में प्रयोग होने वाले कम्प्यूटर नही होते है। यह मंहगे कम्प्यूटर होते है। इनका प्रयोग कम्पनी के डाटाबेस को रखने के लिये एवं कम्पनी के अन्य महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिये इस कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है। PDP-8 First Mini Computer जिसका विकास 1965 में किया गया था । इसका आकार फ्रिज के बराबर था। इसकी कीमत 18000 डालर थी। जिसे DEC Company ने बनाया था। DEC का पूरा नाम Digital Equipment Corporation है।

3. Mainframe Computer 

यह वो कम्प्यूटर जो बडी बडी कम्पनीयों एवं सरकारी ऑफिस में सर्वर कम्प्यूटर के कार्य के लिये प्रयोग किये जाते है। इस कम्प्यूटर पर एक साथ कई यूजर लॉगइन कर कसते है। इनकी मेमोरी क्षमता बहुत अधिक होती है। यह मंहगे कम्प्यूटर होते है। इन कम्प्यूटरस में माईको कम्प्यूटर का प्रयोग Clinent के तौर पर किया जाता है। कछ Mainframe Computer निम्न है।
zEnterprise EC12 Design By IBM, ICL 39, CDC Cyber etc.

कंप्यूटर क्या है इसकी उपयोगिता और विशेषताएं

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